
पीछे हटना नहीं
( Piche hatna nahi )
चलो
आगे आओ
बढ़ाओ
दो चार कदम,
जिसको
आना होगा
साथ में
वो आएगा
भरेगा दम।
अकेला हो
तो क्या हुआ
डरना नहीं,
मकसद
एक हो
राह कितना भी
कठिन हो
पीछे हटना नहीं।
अक्सर
हवाएं दीपक
को जलने
नहीं देते
पर कब तक
जब हम
मिलकर
दीप जलाते
चलेंगे,
बिना
हाथ पैर
हिलाए
मंजिल है
मिलना नहीं।
अकेला हो
तो क्या हुआ
डरना नहीं,
मकसद
एक हो
राह कितना भी
कठिन हो
पीछे हटना नहीं।
