राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त | Maithili Sharan Gupt

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त

( Rashtrakavi Maithili Sharan Gupt )

 

खड़ी बोली के महत्वपूर्ण एवं प्रथम-कवि थें आप,
हिंदी-साहित्य में दद्दा नाम से पहचानें जाते आप।
बांग्ला हिन्दी और संस्कृत भाषाऍं जानते थें आप,
अनेंक उपाधियों से सम्मानित हुऍं गुप्त जी आप।।

मैथिलीशरण गुप्त जी था जिनका प्यारा ‌यह नाम,
महावीरप्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से बने है महान।
कवि राजनेता नाटक-कार अनुवादक रहे है आप,
और भारत सरकार से पद्मभूषण पाऍं है सम्मान।।

हर वर्ष ०३ अगस्त को कवि-दिवस मनाते है हम,
अपनी कविता से खड़ीबोली को बनाया माध्यम।
साकेत जिनकी रचना का यह सर्वोच्चतम शिखर,
पंचवटी सिद्धराज यशोधरा व द्वापर नही है कम।।

हिन्दी कविता इतिहास में इनका बड़ा है योगदान,
पाये हिंदुस्तान अकादमी मंगला प्रसाद पुरस्कार।
साल १९५२ में राज्यसभा सदस्य भी रहे है आप,
साहित्य-वाचस्पति एवं पाये पद्मभूषण पुरस्कार।।

जिनकी कृति भारत भारती भी बहुत प्रसिद्ध हुई,
स्वतंत्रता संग्राम के समय प्रभावशाली सिद्ध हुई।
पहला काव्य संग्रह रंग में भंग व जयद्रथ वध थी,
जिनका जन्म १८८६ में और मृत्यु १९६४ में हुई।‌।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *