चाय

( Chai ) 

 

गरमाहट
लाती हैं चुस्कियां
गर्म चाय की ।।

बातें भी होती
गरमा गर्म चाय
के साथ सभी ।।

कुछ पुरानी
कुछ नई बाते हैं,
मुलाकाते हैं ।।

सबको बुलाए
आओ चाय बनाएं
ताजा हो जाएं।।

पकौड़े साथ
मसाला वाली चाय
आज हो जाएं।।

किस्से सुनाते,
विसराए पल भी ,
हाँ याद आए ।।

कभी फुर्सत
की चाय आजमाएं,
सुकून आए ।।

चाय मिटाती
चुटकियों में सारे ,
दिन थकान ।।

पीते ही जैसे
गर्म जोश आ जाए
ये गर्म चाय ।।

चाय पे बात
बन जाती हैं यहां
चाय हो जाए।।

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश

[email protected]

यह भी पढ़ें :-

स्त्री हृदय | Strī Hridaya

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here