मित्रता ( दोस्ती ) : Mitrata Par Dohe
मित्रता ( दोस्ती )
उसको मित्र बनाइए ,जो ना छोड़े साथ।
विपदा जब कोई पड़े, हर पल देता साथ।।
स्वार्थ कोई हो नहीं, सच्चा मित्र कहाय ।
विपदा में संग संग रहे, राह नई दिखलाय ।।
सखा सुदामा कृष्ण की, जग में बड़ी मिसाल ।
मित्र धर्म की पालना, करी बिहारी लाल।।
करो उसी से मित्रता ,समझे मन उद्गार।
पावन रिश्ता प्रेम का, दिल में बसता प्यार।।
दोषमुक्त कर दे हमें, देकर सच्चा ज्ञान।
ज्ञानी साथी कर सके, हर दुविधा आसान।।
कवि : संत कुमार सारथि
नवलगढ़
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