आप की याद | Nagma Aapki Yaad
आप की याद
( Aapki Yaad )
आप की याद आई तो आती रही।
नींद आंखों से मेरी उड़ाती रही।
इतना बेचैन दिल को किया हाय रे।
एक पल भी न सोने दिया हाय रे।
सिलसिला रात भर यह ही जारी रखा।
ख़्वाबे ग़फ़लत से मुझको जगाती रही।
आप की याद आई तो आती रही।
नींद आंखों से मेरी उड़ाती रही।
मिस्ले ख़ुश्बू बिखरती रही रात भर।
मेरे दिल में उतरती रही रात भर।
ख़ुद पे झुंझला के मैं जागता ही रहा।
मुझको हंस हंस के पागल बनाती रही।
आप की याद आई तो आती रही।
नींद आंखों से मेरी उड़ाती रही।
रात भर हाथ आंखों पे धरता रहा।
लाख कोशिश मैं सोने की करता रहा।
आंख लगती भी तो कैसे लगती भला।
शोर सा ज़ह्नो दिल में मचाती रही।
आप की याद आई तो आती रही।
नींद आंखों से मेरी उड़ाती रही।
आप की याद आई तो आती रही।
नींद आंखों से मेरी उड़ाती रही।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
पीपलसानवी