नियति चक्र | Kavita Niyati Chakra
नियति चक्र
( Niyati Chakra )
टूट जाते हैं तारे भी
लगता है ग्रहण चाँद और सूरज को भी
बंधे हैं सभी नियति चक्र के साथ ही
रहा यही...
जो अम्बेडकर को पढ़ेगा
जो अम्बेडकर को पढ़ेगा
पूरी ईमानदारी से-
जो गाँधी और मार्टिन को पढ़ेगा,
वो सत्य-अहिंसा का मार्ग चुनेगा;
जो भगत और चे को पढ़ेगा
वह निश्चित ही क्रांति करेगा;
जो...
आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se
आंखों से करती जादू हैआंखों से करती जादू है
दिल होता यूं बेकाबू है
सांसें महके तुझमें हर पल
उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है
देख रहा है...
बड़ा ही महत्व है | Kavita Bada hi Mahatva hai
बड़ा ही महत्व है
( Bada hi Mahatva hai )
पढ़ने में किताब का
जीतने में ख़िताब का
दूकान में हिसाब का
बड़ा ही महत्व है ।
खाने में...
आओ करें बागवानी | Kavita Aao Kare Bagwani
आओ करें बागवानी
( Aao Kare Bagwani )
डाल-डाल चिड़िया चहके,
ताल-तलइया पानी।
कल-कल करके बहती नदिया,
गाँव करे अगवानी,
जग की रीति पुरानी,
अमिट हो अपनी निशानी,
जग की रीति...
वैसाखी का पर्व सुहाना | Kavita Baisakhi ka Parv
वैसाखी का पर्व सुहाना
( Baisakhi ka Parv Suhana )
खेतों में खड़ी फ़सलें पक गई हैं,
सबके घरों में ख़ुशियाँ चहक रही हैं;
आओ, मिलकर छेड़े...
चैत्र माह शुक्ल पक्ष नवमी
चैत्र माह शुक्ल पक्ष नवमी
रामलला सूर्य अभिषेक,अद्भुत अनुपम विशेष
हिंदू धर्म रामनवमी अनूप पर्व ,
सर्वत्र उमंग हर्ष उल्लास ।
परिवेश उत्सविक अनुपमा,
रज रज राम राग रंग...
संजीवनी संस्था द्वारा साहित्यकार जनकवि बजरंगलाल पारीक व भूतपूर्व विधायक श्रीराम...
कल सांय जांगिड अस्पताल परिसर में सामाजिक व साहित्यिक संस्था संजीवनी द्वारा साहित्य के द्रोणाचार्य व साहित्यकार जनकवि बजरंगलाल पारीक व नवलगढ के भूतपूर्व...
लौट आओ ना पापा | Katha Laut Aao na Papa
नेहा का कोई संसार में अपना सा लगता था तो वह थे - उसके पापा! उसके पापा भी उसे बहुत चाहते थे। जब उन्हें...
लावारिस देह | Kavita Laawaris Deh
उसकी बिंदिया
( Uski Bindiya )
उसकी बिंदिया
दरवाजे पर झांकती अबोध किरण थी
जो तुलसी को सांझ --ढ़ले हर्षा सकती थी
कि
वह दीपशिखा की तरह झिलमिला रही...