प्रकृति की गोद में
प्रकृति की गोद में
जगमगाते सितारों से, आसमान सजता है।
प्रकृति की शांति में, मन को सुकून मिलता है।।
विस्तृत मैदानों में, खुशी दोस्तों के संग।
मन के सारे दर्द, भूले जाते हैं वहां।।
प्रकृति का सौंदर्य है, जो सबको मोह लेता है।
मन की तनाव से राहत, इससे ही मिलती है।।
बारिश के गीत से, जीवन को नई उमंग।
समुद्र के लहरों से, अपनी ताकत का प्रदर्शन।।
शिखरों की ऊँचाई पर,मन में तैरती है उमंग।
खुशी के साथ साथ,इंसान का लहराता है जींद।।
हर प्रकार की खुशी,प्रकृति से मिलती है।
इससे ही मिलता है,जीवन में नया सफर।।

अवनीश कुमार गुप्ता ‘निर्द्वंद’
प्रयागराज
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