प्यार में मुझको हद से गुज़र जाने दो

प्यार में मुझको हद से गुज़र जाने दो

प्यार में मुझको हद से गुज़र जाने दो

प्यार में मुझको हद से गुज़र जाने दो ।
आज मन की मुझे अपने कर जाने दो

मुझको खुशियाँ दो या अश्क भरपूर दो,
ये कटोरा किसी से तो भर जाने दो॥

मुझसे वादा ख़िलाफ़ी न हो पाएगी ,
वो मुकरता अगर है  मुकर जाने दो॥

मैं तरफ़दारी ज़ालिम की कैसे करूं,
जा रहा है अगर सर तो सर जाने दो॥

इनसे “ममता” घुटन और बढ़ जाएगी ,
अश्क झरते अगर हैं तो झर जाने दो ॥

डाॅ ममता सिंह
मुरादाबाद

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *