पहली मुलाकात | Ghazal Pehli Mulaqat
पहली मुलाकात
( Pehli Mulaqat )
धीरे-धीरे वो घूँघट उठाने लगे ।
धड़कनें मेरे दिल की बढ़ाने लगे ।। १
आ गई रात वो जब मुलाकात की।
देखते ही हमें वो लजाने लगे ।। २
देख जबसे लिया यार मैनें सनम ।
क्या कहूँ की कदम लड़खड़ाने लगे ।। ३
हार कर ही सदा जीत हासिल हुई ।
कौन कहता उसे हम भुलाने लगे ।।४
यार की हर अदा आज कोहिनूर है ।
इसलिए हर सितम हम उठाने लगे ।।५
जब कभी भी गया यार वो रूठकर ।
प्यार से फिर उसे हम मनाने लगे ।। ६
हद से ज्यादा जिसे हमने चाहा कभी ।
प्यार वो गर्द में फिर मिलाने लगे ।। ७
आजकल फिर मुझे वो सताने लगे
मिल के गैरो से मुझको जलाने लगे ।। ८
आज पहली हँसी चाँदनी रात है ।
देख फिर न प्रखर आजमाने लगे ।। ९
महेन्द्र सिंह प्रखर