आयो फागणियो | Rajasthani Geet Ayo Faganiyo
आयो फागणियो
( Ayo Faganiyo )
काळा केशां न लहरावै, बादळियो भंवरजी मुळकावै।
रसियो गीत सुरीला गावै, गोरा गालां रंग लगावै।
आयो फागणियो मस्ती म, झूमै फाग सुणावै है।
आयो फागणियो, ओ आयो फागणियो
रंग रंगीलो फागण आयो, झूमै दुनिया सारी।
फूल खिल्या है बाग महकरयो, नाच रयो बनवारी।
भर पिचकारी मदन मुरारी, रंग घणों बरसावै।
प्रित प्रेम री बजे बांसुरी, मन म्हारो हरसावै।
आयो फागणियो, ओ आयो फागणियो
आज बिरज म मच री होळी, रंग रसियो गिरधारी।
चंग धमाल गुलाल उड़े, बरसे केशर की सी क्यारी।
चालै पून बहारां ठंडी, हिवड़ै रंग बसंती छायो।
मोहन मीठी तान सुणावै, झूम झूमकर गायों।
आयो फागणियो, ओ आयो फागणियो
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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