Geet Dilbar wo Hamare
Geet Dilbar wo Hamare

दिलबर वो हमारे

( Dilbar wo hamare )

 

मेरे मन में बसी छवि दिलदार की सनम।
प्यार हद से भी ज्यादा उनसे करते हम।
वो दिलकश नजारे, प्रियतम हमे पुकारे।
महकती वादियों में, आये नदिया किनारे।
दिलबर वो हमारे

फूल खिलने लगे हैं, दिल मिलने लगे हैं।
बहारों के मौसम भी, रंग बदलने लगे हैं।
धड़कनें गीत गाती है, दिलबर ओ प्यारे।
तार दिल के जुड़े हैं, हम हो गए तुम्हारे।
दिलबर वो हमारे

प्रीत की सारी गलियां, हो चली दीवानी।
चेहरों की रंगत कहती, दिल की कहानी।
ओढ़ धानी चुनरिया, धरा रूप को संवारे।
दिलकश वो बेला, श्रंगार कुदरत ने धारे।
दिलबर वो हमारे

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

हरा रंग | Hara Rang par Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here