मुझे आवाज देना | Mujhe Awaz Dena
मुझे आवाज देना
( Mujhe awaz dena )
बजने लगे मन के सितार, साज सारे मचलने लगे।
मेरा नाम अधरों से जब, शब्द सारे थिरकने लगे।
मुझे आवाज देना साथी, मिल जाऊंगा मैं राहों में।
खुशियों के दीप जलाऊं, प्रिय तुम्हारी निगाहों में।
मुझे आवाज देना
थामें रखना दिल की धड़कन, वादियों बहारों में।
चांद सा दिल तुम्हारा, ढूंढता रहा मैं सितारों में।
जब चले पवन पुरवाई, तुम हवाओं से कह देना।
याद मेरी जब आई, सनम धड़कनों से कह देना।
मुझे आवाज देना
मस्त पवन का मैं झोंका, सावन की घटा बन जाऊंगा।
छूकर तेरे रोम रोम को, खुशियों की छटा बन जाऊंगा।
मुश्किलों का दौर आए, हंसकर बाधाओं को सह लेना।
प्रीत का सागर उमड़ता, तुम भी सरिता बनकर बहना।
मुझे आवाज देना
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )