न दिल के छेड़ तू
( Na dil ke chhed tu )
न दिल के छेड़ तू नग्मात प्यारे !
समझ दिल के मगर ज़ज्बात प्यारे
यहाँ तो बारिशें बरसी नफ़रत की
हुई कब प्यार की बरसात प्यारे
नहीं आना यहाँ तू गांव में ही
नहीं अच्छे यहाँ हालात प्यारे
अदावत यूं न अच्छी देखले तू
मुहब्बत की कर ले तू बात प्यारे
मिले नफ़रत भरे काटें मुझे तो
गुलों की कब मिली सौग़ात प्यारे
कहीं हम खो न जाये इन गलियों में
घर चल हो गयी है रात प्यारे
जिसे आज़म वफ़ा दी ख़ूब दिल से
मुहब्बत में गया दे मात प्यारे