सबके प्यारे मनमोहन
सबके प्यारे मनमोहन
भारत को चमकाने वाले,
सच्ची राह दिखाने वाले,
नस -नस में ईमा को भरकर,
मुश्किल से टकराने वाले.
करता दिल से खूब नमन, सबके प्यारे मनमोहन,
करता दिल से खूब नमन, सबके प्यारे मनमोहन.
माता अमृत, पिता गुरूमुख, जन्मे गाह पंजाब में,
मगर आग में बंटवारे की, आ गये भारत छाँव में.
बी. ए, एम. ए किया आपने, बड़ी थी अच्छी सोच,
अर्थशास्त्री का दर्जा पाया, बने कभी ना बोझ.
कांग्रेस को बढ़वाने वाले, राजनीति के आप उजाले,
पी. एम बनकर देश की खातिर, सच का मार्ग सिखाने वाले.
आप थे सच में एक रतन, सबके प्यारे मनमोहन,
करता दिल से खूब नमन, सबके प्यारे मनमोहन.
आर. बी. आई निदेशक बनकर, अर्थव्यवस्था खूब संभाला,
आर. बी. आई गवर्नर बनकर,देश को आगे बहुत निकाला.
वित्तमंत्री पद किया सुशोभित, सूझबूझ से राह बनाई,
निजीकरण और प्रोत्साहन से डूबते देश की जान बचाई.
करों को कम करवाने वाले, निर्धनता से टकराने वाले,
शांति और अमन के राही, पड़ोसी धर्म निभाने वाले.
किया आपने खूब जतन, सबके प्यारे मनमोहन,
करता दिल से खूब नमन, सबके प्यारे मनमोहन.
कवि : प्रीतम कुमार झा,
महुआ, वैशाली, बिहार
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