अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य संगम पर लगा देश विदेश के चुनिंदा साहित्यकारों का मेला

आद० श्री मुन्नालाल प्रसाद जी के सयोजन में धमाकेदार , सफल एवं रंगारंग काव्यांजलि सम्पन्न हुई

हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रवर्तक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कलाकार जयशंकर प्रसाद एक ऐसे महाकवि थे जिन्होंने अपनी रचनाओं में भारत के गौरवशाली इतिहास एवं संस्कृति के संदर्भ में वर्तमान की व्याख्या की है।

इनके साहित्य के मूल में प्रेम और सौंदर्य की अनुभूति विद्यमान है। परिष्कृत व परिमार्जित साहित्यिक संस्कृतनिष्ट इनकी भाषा में सर्वत्र ओज, माधुर्य एवं रसप्रवाह दर्शनीय है।

भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रीयता के उद्गायक ऐसे महाकवि का साहित्यिक अवदान सदैव जनमानस के लिए उत्प्रेरक बना रहेगा।

भाव एवं भाषा के स्तर साहित्य को उत्कृष्टता प्रदान करने वाले इस कवि, कहानीकार एवं नाटककार के साहित्यिक अवदानों के प्रति अपनी श्रद्धा एवं कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इनकी पुण्य तिथि के अवसर पर श्री देवेंद्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता ए्वं संस्थापक महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम के तत्वावधान में 20 नवंबर, 2022, रविवार को सायं 4 बजे से गूगल मीट के माध्यम से एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, भारत एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अनीता शर्मा, शंघाई, चीन एवं श्री शांति प्रकाश उपाध्याय, सिंगापुर उपस्थित थे। सबसे पहले जम्मू से प्रो. डॉ. प्रवीण मणि त्रिपाठी “शांतेय” ने बड़े ही मधुर स्वरों में उद्घाटन गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

उसक बाद मुख्य अतिथि डॉ. ब्रज नंदन किशोर ने महाकवि जयशंकर प्रसाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रसाद जी अपने समय और संस्कृति के समाहार के कवि हैं। उनका साहित्य भारतीय संस्कृति के महानायकों पर एक तरह का प्रश्नचिन्ह खड़ा खड़ा दृष्टिगत होता है।

इस अवसर पर निम्नलिखित कवियों ने प्रमुख रूप से काव्य पाठ कर जयशंकर प्रसाद के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की :-

डॉ. भीखी प्रसाद “वीरेंद्र” :- सिलीगुड़ी

अर्चना आर्याणी :-  सीवान

डॉ. कमलेश शुक्ला “कीर्ति” :-  कानपुर

डॉ. अलका अरोड़ा:-  देहरादून,

श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजु’:- देहरादून,

डॉ. विपिन किशोर प्रसाद, प्राचार्य, रमा मेडिकल कॉलेज:-  कानपुर,

श्री शारदा प्रसाद दुबे, ‘शरतचंद्र’ :-  थाणे, मुंबई,

श्रीमती भावना सिंह, (भावनार्जुन) :- बुलंदशहर,

श्रीमती मधु प्रसाद:-  अहमदाबाद, गुजरात,

श्री दुर्गेश मोहन:- समस्तीपुर,

कश्मीरा सिंह:- छपरा,

अमर बानियां:- लोहरो, गंगटोक,

डॉ. लोकेश शर्मा:- भरतपुर, राजस्थान,

श्रीमती पुतुल मिश्रा:- सिलीगुड़ी

गुंजन गुप्ता:- सिलीगुड़ी,

श्री मोहन महतो :- सिलीगुड़ी,

दिव्या दुबे:- प्रयागराज, उत्तरप्रदेश

एवं श्री महेश ठाकुर “चकोर”:-  मुजफ्फरपुर

यह भी पढ़ें :-

वरिष्ठ पत्रकार डॉ० भंवर सुराणा की स्मृति में 12 नवंबर को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का उदयपुर में आयोजन

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *