शहीद उधम सिंह | Poem on Shaheed Uddham Singh
शहीद उधम सिंह
( Shaheed Uddham Singh )
आल्हा छंद
उथल-पुथल पंजाब मच गई, क्रांतिकारी देखा कमाल।
आजाद भगतसिंह बिस्मिल से, मां भारती रणवीर लाल।
उधम सिंह प्रभावित हो गए, भगत क्रांतिवीर बेमिसाल।
उमड़ पड़ी थी राष्ट्रधारा कूद पड़ा वो वीर कमाल।
जलियांवाला बाग दुर्दशा, उतरे कई मौत के घाट।
बच्चे बूढ़े औरत मर गई, भीषण मची मार वो काट।
निर्दोषों पे दागी गोलियां, माइकल डायर जिम्मेदार।
प्रण ले लिया उधम सिंह ने, गोली का गोली से वार।
गदर पार्टी उधमसिंह आए, भगतसिंह के हो गए साथ।
फिरंगियों ने डोरे डाले, क्रांतिवीर ना आए हाथ।
परदेशों की करके यात्रा, गोला बारूद लाये साथ।
चार साल जेल में गुजारे, पकडूं डायर आये हाथ।
क्रांतिकारी आग भड़क गई, संकल्पों को मिला अंजाम।
कश्मीर से जर्मनी आ गए, लंदन पहुंच गए अविराम।
भारत का वो वीर पुरुष था, करने लगा लक्ष्य इंतजार।
डायर को वो दंड दे दिया, माइकल गोली दी उतार।
सारी दुनिया देख रही थी,वो देशभक्तों का चमत्कार।
धन्य धन्य उधमसिंह प्यारे, सर्वस्व दिया देश पर वार।
अमर हो गए वीर देश के, आजादी की लड़े लड़ाई।
याद करेगी दुनिया सारी, वो कुर्बानी देश भलाई।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )