साजन

साजन | Virah

साजन (Saajan  ) ( सायली छंद – विरह )   साजन सावन आया प्रेम ऋतु छाया पुरवा बयार हर्षाया   मेरा चंचल मन पिया अब आजा तडपत मनवा मचलत   रतिया कटती नाहीं विरह वेदना जाए याद करे पछताए   घबराए नाही आगे नन्द के लाल मदन गोपाल घनश्याम   कवि :  शेर सिंह हुंकार देवरिया…

दिल में किसी की याद इतनी भर गई

दिल में किसी की याद इतनी भर गई

दिल में किसी की याद इतनी भर गई     दिल में किसी की याद इतनी भर गई। चाहा मिटाना लाख फिर से उभर गई।।   उनको हमारी याद आती जरूर है। शामो-सहर अपने वो मेरे नाम कर गई।।   हम पर असर यादों का ऐसा कुछ हुआ। वीरान सारी जिंदगी गुजर गई।।   दिल…