क्या रावण मर गया है ?

क्या रावण मर गया है ?

आज दोपहर उस वक्त मुझे  प्रभु राम मिले जब मैं नींद में था। कहीं जा रहे थे वह, जल्दी में थे। मैंने उन्हें देखा और पुकारा। वह रुके। मैंने उन्हें प्रणाम किया। उन्होंने जल्दबाजी में अपना दायाँ हाथ मेरे सर पर रखकर आशीर्वाद दिया। मैंने कहा प्रभु इतनी जल्दी में ?  उन्होंने कहा हां कहा…

देश आवाज अब दें रहा

देश आवाज अब दें रहा

देश आवाज अब दें रहा   देश आवाज अब दें रहा खून अपना बहा दो कभी   मुल्क है मुश्किलों से घिरा जान सब की बचा लो अभी   इस वतन से अदूँ दो भगा आग है इक दिलों में लगी   देश भर में अमन ही रहे रोशनी भी जलेगी कभी   किस तरह…

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ     नफ़रतों में वो नज़ारत ढूंढ़ता हूँ! रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ   हर गली में ही भटकता हूँ सारा दिन जिंदगी की रोज़ राहत ढूंढ़ता हूँ   पर नहीं मिलती किसी में ही यहां तो हर किसी में अच्छी आदत ढूंढ़ता हूँ   खो…

कर कोई बावफ़ा नहीं होता

कर कोई बावफ़ा नहीं होता

कर कोई बावफ़ा नहीं होता     कर कोई बावफ़ा नहीं होता प्यार से हर भरा नहीं होता   मैं नहीं जीता जीवन फ़िर तन्हा वो अगर जो जुदा नहीं होता   चाह  उसकी न दिल फ़िर रखता जीस्त में वो  मिला नहीं होता   आरजू फ़िर न होती मिलनें की शहर उसके गया नहीं…

तस्वीरें भी कुछ कहती हैं

तस्वीरें भी कुछ कहती हैं

तस्वीरें भी कुछ कहती हैं   आज मेरे सामने एक तस्वीर नहीं , अनेकों तस्वीरें पड़ी हैं  | अपनी – अपनी व्यथा , दुख और दर्द को लेकर खड़ी हैं | ? आज माँ की तस्वीर को देखा , जो नम आँखों से मुझे देख रहीं थीं , आपनी ममता और स्नेह से दुलार रहीं…

सफाई

सफाई

सफाई   आज तक ये बात मेरी समझ में न आई। तुम करो गन्दगी और मैं करूं सफाई।। मानवता खातिर काल ब्याल है यह, तृणवत न लेना बहुत विकराल है यह, अगर नहीं सम्भले पछताओगे भाई।।तुम करो० गांव गली कस्बा संसद तक फैली, स्वच्छ रखो चादर न होजाये मैली, तन और मन की अब रखो…

अब कलम लिखे किसकी जयगान

अब कलम लिखे किसकी जयगान

अब कलम लिखे किसकी जयगान जब हुआ सबेरा खून खराबा इसी में रहता है जग सारा, वेद मंत्र सब धरे धरा पर नहीं करे कोई गुणगान | अब कलम लिखे ———–! रक्षक, भक्षक बनकर जीता अरमानों के अश्क़ को पीता, माली रौंदे अपनी बगिया गा गाकर पूरबी तान | अब कलम लिखे———! एक चमन है…

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी *********** बिहार के जनता- भूल गईल बा मंदिर मस्जिद, आ भूल गईल बा जाति मजहब; भैया हो ! अबकी चुनाव में- बिहारी कइले बा गजब! जनता के मांग अबकी नेता के नइखे पचत, जेने जाईं ओन्ने बेरोजगार बाड़े पूछत। कहां बा# रोजगार? हे सरकार! वोटवा लेवे खातिर बानी…

भरोसा क्या बहारों का

Ghazal | भरोसा क्या बहारों का

भरोसा क्या बहारों का ( Bharosa Kya Baharon Ka )     गुलों को खुद खिला लेना भरोसा क्या बहारों का। खुदी से दोस्ती करना भरोसा क्या है यारों का।।   नहीं रौशन फिजा होती कभी भी आजमा लेना। है चंदा आसमां में तो नज़ारा क्या सितारों का।।   करो उम्मीद जब भी तुम हमेशा…

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन     लग रहा जैसे हो सजा जीवन! इस कदर ग़म से भर गया जीवन   जी न पाया कभी ख़ुशी के पल ग़म की भट्टी में यूँ जला जीवन   एक पल की ख़ुशी की चाहत में बस भटकता रहा मेरा जीवन   ग़म ही ग़म हैं मेरी…