हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था

Ghazal | हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था

हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था ( Hame Na Zor Hawaon Se Aazmana Tha )   हमें   न  ज़ोर  हवाओं  से  आज़माना  था वो कच्चा धागा था उसको तो टूट जाना था   वो मेरे ज़हन में ढलता गया ग़जल की तरह मेरा  मिज़ाज  ही  कुछ  ऐसा  शायराना  था   हज़ारों फूल से खिलते…

वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी

Urdu Poetry In Hindi | Nazm -वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी

वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी ( Wo Bajme Dil Ki Shaan Sab -E-Qarar Thi )   वो  बज्मे  दिल की  शान  सब -ए- करार थी। वो गिर गयी हम क्या करें कच्ची दीवार थी।।   ये  वाकया  था  ख्वाब था या भरम था मेरा, दुश्मन के पास भी मेरी जान-ए -बहार…

वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगे

Romantic Ghazal | Love Ghazal -वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगे

वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगे (Wo Mujhe Dekh kar Muskurane Lage)     वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगे! वो अपना ही दीवाना बनाने लगे   फ़ोन आता नहीं उनका परदेश से वो हमें शायद दिल से भुलाने लगे   बात दिल की तो कहते नहीं है मगर तीर नजरों का हमपे चलाने लग   गांव…