Poem on maa

जिंदगी की ही हर ख़ुशी है मां | Poem on maa

जिंदगी की ही हर ख़ुशी है मां ! ( Zindagi ki har khushi hai maa )     आपसे दूर जब से गया हूँ मैं आ रही याद आपकी है मां   किस तरह आपकी दवा लूं मैं ख़ूब घर में ही मुफ़लिसी है मां   आपकी बात याद है दिल में राह सच की…

मां

मां | Maa Par Kavita

मां ( Maa )   मां सहेली भी है, मां पहेली भी है, इस जहां में वो, बिल्कुल अकेली भी है। दुःख में हंसती भी है, सुख में पिसती भी है, नेह की प्यास में , ममता रिसती भी है, मां सुहानी भी है, मां कहानी भी है, मन को शीतल करे, मीठी वाणी भी…