Poem on maa
Poem on maa

जिंदगी की ही हर ख़ुशी है मां !

( Zindagi ki har khushi hai maa )

 

 

आपसे दूर जब से गया हूँ मैं

आ रही याद आपकी है मां

 

किस तरह आपकी दवा लूं मैं

ख़ूब घर में ही मुफ़लिसी है मां

 

आपकी बात याद है दिल में

राह सच की सदा चुनी है मां

 

बात मां की अपनी सभी मानो

दोस्त दिल की बहुत भली है मां

 

इस जहां में न इसके जैसा है

प्यार करती बस हर घड़ी है मां

 

एक पल भी न दूर रह सकता

 दोस्त आज़म की जिंदगी है मां

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

आज वो इंकलाब लिख दूँगा | Ghazal aaj wo inqalab likh dunga

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here