Mohabbat ghazal

वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया | Mohabbat ghazal

वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया ( Wo pyas mohabbat ki bujhane nahin aaya )     वो प्यास मुहब्बत की बुझाने नहीं आया आँखों से आँखों भी तो मिलाने नहीं आया   वो तीर नफ़रत के छोड़े  है वो बहुत मुझपे वो खीर मुहब्बत की  खिलाने  नहीं आया   आँखों में दिए आँसू…

मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें

मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें | Ghazal

मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें ( Muhabbat ka dilon mein gul khila de )     मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें  हवा  ऐसी  यहां  सबको  ख़ुदा  दें   गरीबों  पे  सितम  हो  जो  रहा  है ख़ुदा उन दुश्मनों का  सर झुका दें   उतरे तन से नफ़रत की धूल सबके उल्फ़त…

खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो

खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो | Ghazal

खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो ( Khuda ki likhi koi tahreer tum ho )   खुदा  की  लिखी  कोई तहरीर तुम हो या किसी भूले ख्वाब की ताबीर हो तुम   तस्सव्वुर में आये किसी ख्याल की तदबीर हो या  तकाज़ा  मेरी  तकदीर  का  हो  तुम   मेरी किसी तमन्ना की जैसे तासीर…