Main Nari Hoon Kavita

मै नारी हूँ | Main Nari Hoon Kavita

मै नारी हूँ ( Main nari hoon : Poem on nari ) ( 2 ) पुरुषों के समाज में अबला कहलाने वाली बेचारी हूं, सब कुछ सहकर चुपचाप आंसू बहाने वाली मैं नारी हूं। पुरुष को जन्म देने से मरण तक देती हूं साथ पुरुष का, उस वक्त भी होती जरूरी प्रदर्शन होता जब पौरुष…

नारी जीवन

Nari jeevan kavita || Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -नारी जीवन

नारी जीवन ( Nari Jeevan )   पिता पति के बीच बंटी है, नारी की यह अमिट कथा। एक ने दिया जीवन है उसको, दूजे ने गतिमान किया।   पिता वो शिक्षक पाठ पढ़ा कर, नौका पर कर दिया सवार। पति वो मांझी साथ बिठाकर, जीवन नदी करा दी पार।।   कठिन डगर कांटे चुभते…

नारी: एक अनोखी पहचान

नारी: एक अनोखी पहचान | Nari jeevan kavita

नारी: एक अनोखी पहचान ( Nari : Ek anokhi pahchan )     अंधकार भरी जिंदगी हैं कब तक दिये की रोशनी काम आएगी। दुसरो की पहचान पर जी रही, क्या कभी तेरी अलग पहचान बना पाएगी।   घर के काम और रसोई ऐसे ही तेरे हाथों चलती जाएगी। कब तक नकाब के पीछे तेरी…