प्रिय आ जाना | Prem par kavita
प्रिय ! आ जाना ( Priye aa jaana ) यह प्रेम छिपाए ना छिपता जब पास प्रिय ना होती हो दिल दर्द सहे कितना पूछो? अधमरा मरा कर देती हो, कुछ अजब गजब हरकत मुझमें तुम यादों में दे जाती हो फिर प्यार छिपाए कहां छिपे उल्टा मुझको…
प्रिय ! आ जाना ( Priye aa jaana ) यह प्रेम छिपाए ना छिपता जब पास प्रिय ना होती हो दिल दर्द सहे कितना पूछो? अधमरा मरा कर देती हो, कुछ अजब गजब हरकत मुझमें तुम यादों में दे जाती हो फिर प्यार छिपाए कहां छिपे उल्टा मुझको…
मैं चाहता हूं बस तुमसे ( Main chahta hun bas tumse ) मैं चाहता हूं बस तुमसे थोड़ा सा प्यार थोड़ा-सा मन थोड़ा-सा सुकून थोड़ा-सा अहसास। मैं तुमसे चाहता हूं बस थोड़ी-सी हँसी थोड़ी-सी खुशी थोड़ी-सी बातें थोड़ी-सी शान्ति। मैं तुमसे चाहता हूं बस थोड़ा-सा दर्द थोड़ा-सी तकलीफ़ थोड़ी-सी बैचेनी थोड़ी-सी…
काश कि तुमने ये बताया होता ( Kash ki tumne ye bataya hota ) काश कि तुमने ये बताया होता कि मैं क्यों दूर होता जा रहा हूँ तुमसे न कोई गिला-शिकवा फिर भी बातों का सिलसिला शुरू नहीं एक दिन, दो दिन,पाँच दिन,बीस दिन आखिर कब तक? ये तो बताया होता । हौले-हौले…