Sad Shayari | Sad Love Shayari || नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है
नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है ( Nafraton Ki Hi Padi Is Bar Aisi Os Hai ) नफ़रतों की ही पड़ी इस बार ऐसी ओस है! कर गयी उल्फ़त भरे फ़ूलों को ज़ख्मी ओस है धूप से भी अब पिघलती ही नहीं उसकी यादें जम गयी यादों की दिल…