कुछ रात ठहरी सी | Shero shayari
कुछ रात ठहरी सी ( Kuch raat gehri si ) कुछ रात ठहरी सी है , स्याह सी, गहरी सी है धुंध को ओढ़े सी है , कई राज समेटे सी है सर्द सी , जर्द सी , सीने में अलाव लिए हुए कांपती, कंपाती सी , दिल को हाथ में थामे सी…
कुछ रात ठहरी सी ( Kuch raat gehri si ) कुछ रात ठहरी सी है , स्याह सी, गहरी सी है धुंध को ओढ़े सी है , कई राज समेटे सी है सर्द सी , जर्द सी , सीने में अलाव लिए हुए कांपती, कंपाती सी , दिल को हाथ में थामे सी…
ऐ ख़ुदा यही है दुआ मेरी ( Ai Khuda Yahi Hai Dua Meri ) ऐ ख़ुदा यही है दुआ मेरी , मैं गिरूँ न दिल के मक़ाम से मेरी जिंदगी को नवाज़ दे तू मुहब्बतों के इनाम से ये हयात देख महक रही ,मेरी शायरी भी चमक रही “तेरे ज़िक्र से ,तेरी…
ज़रा मौसम बदलने दे बहारें फिर से आएगी ज़रा मौसम बदलने दे बहारें फिर से आएगी। चमन में गुल ही गुल होंगे कतारें फिर से आएगी।। सभी पे वक्त आता है बचा है कौन जीवन में ? ये दुनिया साथ में इक दिन हमारे फिर से आएगी।। तमाशा देखने वालो ज़रा तुम …