
ऐ ख़ुदा यही है दुआ मेरी
( Ai Khuda Yahi Hai Dua Meri )
ऐ ख़ुदा यही है दुआ मेरी , मैं गिरूँ न दिल के मक़ाम से
मेरी जिंदगी को नवाज़ दे तू मुहब्बतों के इनाम से
ये हयात देख महक रही ,मेरी शायरी भी चमक रही
“तेरे ज़िक्र से ,तेरी फ़िक्र से ,तेरी याद से ,तेरे नाम से “
ये हयात है तेरी चार दिन ,न किसी को अपना रकीब गिन
तू मिटा दे दिल से ये दुश्मनी ,अभी चाहतों के सलाम से
भला चैन कैसे वो पायेंगे ,वो हमेशा दिल को जलायेंगे
जो गुजार देते हैं जिंदगी यहाँ देख रिज़्क-ए-हराम से
ये जहान पढ़के कहे जिसे ,कि ये शायरी बेमिसाल है
ऐ खुदा ‘अहद’ को नवाज़ दे तू कभी तो ऐसे कलाम से !
शायर:– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129
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