तक़दीर की उड़ान | Taqdeer ki Udaan
तक़दीर की उड़ान
( Taqdeer ki Udaan )
ज़मीन से हमें उठाके दे न यह कहीं उछाल,
जाने किस ओर ले जाए तक़दीर की उड़ान,
चमकती रौशनियोंके पीछे यूँ भागते-भागते,
खो ना दें अपने ही हाथों वजूद की पहचान,
दूर मंज़िल है और बीच ये गहरा समन्दर है,
तोड़ ना पाएगी ज़ीस्ते-कश्ती दर्द के तूफ़ान,
दोस्त-अहबाब नहीं मुश्किलें हौसला देती हैं,
गुज़रके इनसे छू सकते हैं उम्मीदे-आसमान,
हमें तन्हा सफ़र करना है इस राह पर आश,
कि..आसां नहीं पाना यहाँ ख़्वाहिशे-जहान!
आश हम्द
पटना ( बिहार )
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