वक्त कुछ इस तरह गुजारा है
वक्त कुछ इस तरह गुजारा है
वक्त कुछ इस तरह गुजारा है ।
दर्द जीने का इक सहारा है ।।
जो नही हम जुबां से कह पाए।
आंसुओं से किया इशारा है ।।
जिंदगी में सभी से जीता जो ।
बाद तक़दीर से वो हारा है ।।
सामने हम कभी नहीं कहते।
ग़म को कहना नहीं गवारा है ।।
चाहता दूसरों को मै कैसे ।
खुद से हमने किया किनारा है ।।
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