वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है

वक्त कुछ इस तरह गुजारा है

वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है

 

 

वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है ।

दर्द  जीने  का  इक  सहारा है ।।

 

जो  नही  हम जुबां से कह पाए।

आंसुओं  से  किया  इशारा  है ।।

 

जिंदगी  में  सभी  से जीता जो ।

बाद  तक़दीर  से   वो  हारा है ।।

 

सामने  हम   कभी   नहीं कहते।

ग़म  को  कहना नहीं गवारा है ।।

 

चाहता    दूसरों   को   मै  कैसे ।

खुद से हमने किया किनारा है ।।

 

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे

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