
साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे
साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे।
लोग अपने-पराये मिलेगे तुझे।।
वक्त पे काम आते नहीं ये कभी।
आँख- सी फेर आगे बढेगे तुझे।।
अनसुना सा करेगे हर बात को।
काम कर देंगे ऐसा कहेंगे तुझे।।
बाद में काम अपना निकल जाए जब।
लांघ कर राह अपनी बढेगे तुझे।।
चाल अब तो ज़माने की समझो यहां।
भूल जा ये सहारा भी देगे तुझे।।
है बुरा तू जहां में भले अब “कुमार”।
बाद मरने के अच्छा कहेंगे तुझे।।
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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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