अति शीघ्रता | Laghu katha in Hindi
अति शीघ्रता
( Ati shighrata )
शशि ने पति की गाड़ी पर बैठे बैठे एक व्यक्ति को तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हुए देखा उसकी मोटरसाइकिल का साइड स्टैंड लटक रहा था उसने पति से कहा थोड़ा तेज चला कर इसे आगाह कर दो पति ने वैसा ही किया जैसे ही उससे कहा l
अपना स्टैंड हटा लो उसने शुक्रिया कहा और शशि खुश हो गई उसने फिर एक किसी की जान बचा दी थी जरूरी नहीं है कि एक्सीडेंट होता ही मगर सावधानी रखना व्यक्ति का कर्तव्य है आप अपने परिवार के लिए अनमोल होते हैं और शशि आज 10 साल पुरानी बातों को सोचने लगी l
वह भी कैसा दिन था वह मायके आई थी उसका लौटने का रिजर्वेशन था उसने जाने के लिए अनुमति मांगी भाभी से मिलने के बाद भैया को फोन लगाया वह रास्ते में था ऑफिस से आ रहा था बहन ने उसको डांटा गाड़ी चलाते फोन क्यों उठाया फिर वह अपनी तैयारी करने लगी l
पता नहीं कब भाभी ने भैया को फोन लगा दिया भैया सामान खरीदते खरीदते वैसे ही गाड़ी चलाने लगा मैं यह भूल गया बातें करते करते उसने साइट का स्टैंड नहीं हटाया है थोड़ी ही देर में स्पीड ब्रेकर पर गाड़ी लड़खड़ाएई और जाकर सामने आते ट्रक से टकरा गई l
शाम को फोन आया एक व्यक्ति ब्रेनडेड पड़ा हुआ है घर में कोहराम मच गया लास्ट कॉल भाई के फोन पर भाभी का था छोड़ गया वो पीछे अपने दो छोटे-छोटे मासूम बच्चे और अंधकार में पत्नी को काश कि उसने फोन पर बात करते-करते गाड़ी न चलाई होती तो वह आज शायद जीवित होताl
ऐसी अति शीघ्रता कभी नहीं करनी चाहिए यदि बात करना भी हो तो गाड़ी रोककर किनारे लगा कर बात करें किसका था भैया का या भाभी का आज तक ना समझ पाई, मगर एक बात जरूर सीख गई टीवी किसी को दो 4 घंटी से ज्यादा मत दो दूसरा समय मिलने पर आपको कॉल जरूर करेगा l