भूल जा सितम उसके प्यार के | Ghazal bhool ja sitam uske pyar ke
भूल जा सितम उसके प्यार के
( Bhool ja sitam uske pyar ke )
हाँ मगर अदू पर अपनी निगाह रखना तू
दिल में ही ज़रा बदला बेपनाह रखना तू
सोचना नहीं तू दिल में ही दुश्मनी अपने
दोस्ती की दिल में अपने ही चाह रखना तू
हर तरफ़ से बरसेगी प्यार की फुवारे ही
दिल में ही अदावत के मत गुनाह रखना तू
दोस्ती बड़ी मुश्किल से मिले है सच्ची देखो
दोस्ती वफ़ा का दिल में निबाह रखना तू
ग़म भुला ख़ुशी रख दिल में सदा बसाकर के
होठों पर हमेशा अपने मिज़ाह रखना तू
वो ख़ुदा करेगा तेरा भला हमेशा ही
दिल भरा सदा अपना ख़ैर ख़्वाह रखना तू
भूल जा सितम उसके प्यार के सभी आज़म
के न बेवफ़ा की दिल में कराह रखना तू
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
ख़ैर ख़्वाह – अच्छा चाहने वाला
मिज़ाह -हंसी
कराह -दर्द की आवाज़ आह
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