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हद से ज्यादा फूलो मत | Geet phoolo mat
हद से ज्यादा फूलो मत ( Had se jyada phoolo mat ) गफलत मे रह झूलो मत, मर्यादा कभी भूलो मत। हद से ज्यादा फूलो मत, अपनों को भी भूलो मत। मर्यादा कभी भूलो मत अपने अपने ही होते हैं, अतुलित प्रेम भरा सागर। मोती लुटाते प्यार भरा, अपनों से ही मिलता आदर।…
कविता परिवर्तन | Kavita Privartan
कविता परिवर्तन ( Kavita Parivartan ) सोचने को मजबूर एक सोच सुबह के आठ बजे आते हुए देखा एक बेटी को शौच करते हुए नजरें मैंने घुमा ली शर्म उसे ना आए मुझे देख कहीं लज्जित ना हो जाए बना है घर पर शौचालय नहीं शादी के लिए सोना तो जोड़ा पर सुरक्षा के…
सुबह तो होगी कभी | Subah to Hogi
सुबह तो होगी कभी ! ( Subah to hogi kabhi ) मेरा भारत है महान, जग को बताएँगे, इसकी जमहूरियत का परचम लहरायेंगे। सबसे पहले लोकतंत्र,भारत ईजाद किया, इस क्रम को और गरिमामयी बनाएंगे। विशाल वट-वृक्ष तो ये बन ही चुका है, करेंगे इसका सजदा,सर भी झुकायेँगे। कभी-कभी छाता है घना इसपे कुहरा, बन…
सुदेश दीक्षित की कविताएं | Sudesh Dixit Poetry
सूरज भी अनाथ कर बाप जब मरता है।जमाना तभी सर पे चढ़ता है। जिंदा है बाप जब तक सच में।सूरज भी आंख दिखाने से डरता है। होते हैं होंसले बुलंद बाप के रहते।साया भी तब पानी भरता है। कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता दुःख दर्द।इन सब से हिफाजत बाप करता है। चुपके से बड़ी मासुमियत…
कोरोना का जन्म स्थान | Kavita corona ka janm sthan
कोरोना का जन्म स्थान ( Corona ka janm sthan ) है चीन मे बुहान शहर, जन्म स्थान कोरोना का || 1.किए कई तबाह अभी कर रही, जाने कितनों को करेगी | बड़ी खतरनाक रहो होसियार, न जाने कितनों को डसेगी नहीं नाग कोई न ही भूत-पिशाच, चलती बयार के संग चले | चीन शहर…
Hindi Kavita | Hindi Poetry -गलतफहमी!
गलतफहमी! ( Galatfahmi ) ***** वो समझते हैं समझते नहीं होंगे लोग। वो उलझते हैं पर उलझते नहीं हैं लोग। वो सुलगाते हैं पर सुलगते नहीं हैं लोग। उम्र कद कर्म अनुभव संस्कार की कमी, लहजे से ही दिख जाता है, हर कहीं। कुछ ज्यादा ही उछलते है वो, आका के संरक्षण में पलते हैं…