अब कलम लिखे किसकी जयगान
अब कलम लिखे किसकी जयगान
जब हुआ सबेरा खून खराबा
इसी में रहता है जग सारा,
वेद मंत्र सब धरे धरा पर
नहीं करे कोई गुणगान |
अब कलम लिखे ———–!
रक्षक, भक्षक बनकर जीता
अरमानों के अश्क़ को पीता,
माली रौंदे अपनी बगिया
गा गाकर पूरबी तान |
अब कलम लिखे———!
एक चमन है सबका छोटा
चंचल बचपन इसमें बीता ,
इसी चमन को हत्यारों ने
बना दिया देखो शमशान |
अब कलम लिखें———!
इस दुनिया में सभी खड़े हैं
फिर भी लाखों मरे पड़े हैं ,
लाशों के सौदागर से पूछो
चलेगा कब तक यह अभियान |
अब कलम लिखें———!
बनकर नरभक्षी घूम रहे हैं
दहशतगर्दी को चूम रहे हैं ,
इनकी चाल में फंस करके
बन बैठे दुश्मन इंसान |
अब कलम लिखे——–!
समता दूर बिषमता आई
मानवता भी हुई परायी ,
लूट गए सब रिश्ते नाते
बिखर रहे दिल के अरमान |
अब कलम लिखे———-!
मंदिर मस्जिद के सीढ़ियों पर
अलख हुआ न हुआ अजान ,
जात पात के दंगों में ही
हर दिन मिटते लाखों जान |
अब कलम लिखें किसकी जयगान !!
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