Ilm ki Roshniyan

इल्म की रौशनियाँ | Ilm ki Roshniyan

इल्म की रौशनियाँ

( Ilm ki Roshniyan )

 

सही रास्ते की पहचान कराए इल्म की रौशनियाँ,
गहरी खाई में हमें गिराए जहालत की तारीकियाँ,

ज़िंदगी से कुछ लम्हे चुरा पनाह लेना किताबों में,
बड़ा दिलफ़रेब पुरसुकूं होती किताबों की दुनियाँ,

थक जाओ गर तुम रिश्ते की गिरहें सुलझाते हुए,
किताबोंमें आराम पाएगी तुम्हारी बेबस बेचैनियाँ,

इल्म की दौलत जब…तेरे क़दमों को चुमा करेगी,
हर क़दम केसाथ दिखेंगे तेरे इल्म की निशानियाँ,

गर…वक़्त साथ देता बदल देता मैं फ़रेबे-दुनिया,
हर ज़ुबान पे घोल देता मोहब्बतों की चाशनियाँ!

Aash Hamd

आश हम्द

( पटना )

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