
मुरझायेगे गुल किसे पता था
( Murjhayenge gul kise pata hai )
मुरझायेगे गुल किसे पता था
तूफान ऐसा यहाँ चला था
यकीन पे दोस्ती करी उससे
करेगा धोखा किसे पता था
वफ़ा जिसे दी मुहब्बत में ही
दग़ा उसने प्यार में करा था
जिसे सदा दी वफ़ा बहुत ही
वफ़ा में निकला वो बेवफ़ा था
वीरान सी जिंदगी लगती थी
वही जब से ही हुआ जुदा था
वो प्यार ही की नजर नहीं थी
फ़रेब से ही नजर भरा था
कहीं नहीं बात दिल की उसने
वही मुझे आज़म देखता था