78वाँ स्वतंत्रता दिवस | 78th Independence Day
78वाँ स्वतंत्रता दिवस
( 78th Independence Day )
आजादी पर्व पर चेतन निज घट में रमना हैं ।
क्या खोया क्या पाया उसका चिन्तन करना हैं ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
हमारा अवचेतन मन है ऐसा संग्राहलय ।
जिसे कहते है सुचिन्तित विचारों का आलय।।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
साधना में रत हैं उसके बखूबी होता उपयोग ।
बहुत सहायक हैं उनके होता इसका योग ।।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल, शुभ-शुभ रहें विचार |
उत्साह बढ़े चित चेतन में, निर्मल रहे हमारे आचार ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
कभी हम हँसते , कभी हम रोते ।
सम्भाव में रमकर हम जीवन जिएँ ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
सुख -दुख ,प्रेम-शोक है साथ में चलने वाली लीला ।
संयम , सम्यक् चिंतन धारी होता मोक्ष का वारि ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
समय का क्या भरोसा कब पँछी उड़ जाता ।
राग – द्वेष को जीतने वाला असीम सुख को पाता ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
संकल्प बिना सम्भव नहीं हैं सही मुकाम हासिल होना ।
इच्छा शक्ति से योग्यता धार आत्मा बन जाती परमात्मा।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
आत्मा अजर अमर अविनाशी शुद्ध दिव्य प्रकाश ।
निज आत्मा में सूख होता हो हमारा यह प्रयास ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
आजादी पर्व पर चेतन निज घट में रमना हैं ।
क्या खोया क्या पाया उसका चिन्तन करना हैं ।
आजादी पर्व पर चेतन – ।।ध्रुव ॥
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)