राष्ट्रनिर्माता – शिक्षक
राष्ट्रनिर्माता – शिक्षक
कलम के महत्व को बताता है शिक्षक।
जीवन स्तर को ऊपर उठाता है शिक्षक।
जहाँ को बेहतर बनाने की करता कोशिश,
बेहतर इंसान हमेशा बनाता है शिक्षक।
स्वाभाविक विकास करता है शिक्षक।
मानव मूल्यों की रक्षा करता है शिक्षक।
दया मया भरा और होता है क्षमाशील,
अच्छे राष्ट्र का निर्माण करता है शिक्षक।
विद्वान और चरित्रवान होता है शिक्षक।
कर्तव्य परायण सदा होता है शिक्षक।
सैद्धांतिक व होता है सिद्धांतों का समर्थक,
विद्यार्थियों का आदर्श होता है शिक्षक।
अपने ज्ञान का विस्तार करता है शिक्षक।
बाल समग्र विकास करता है शिक्षक।
अभिभावकों से मेलजोल रखता है हमेशा
विद्यार्थियों को प्रभावित करता है शिक्षक।
सामाजिक परिवर्तन लाता है शिक्षक।
व्यक्तित्व से उपवन सजाता है शिक्षक।
विद्यार्थियों को आकर्षक आकार है देता,
बच्चों को गुलाब सा खिलाता है शिक्षक।
अनुशासन का पुजारी होता है शिक्षक।
छात्र गुणों से परिचित होता है शिक्षक।
सादा जीवन उच्च विचार वाला है होता,
देशभक्त और नैतिक होता है शिक्षक।
छात्रों को पुष्प सा खिलाता है शिक्षक।
मानसिक कुंठा भगाता है शिक्षक।
तर्क और विज्ञान का होता है आवाज,
लक्ष्य तक हमेशा पहुंचाता है शिक्षक।
मानसिक दीपक जलाता है शिक्षक।
मानसिक अंधेरा मिटाता है शिक्षक।
प्रकाश पथ को हमेशा है दिखाता,
मानसिक भ्रम को हटाता है शिक्षक।
जालिम प्रसाद
सहजनवा, गोरखपुर (उ.प्र.)
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