Tevar
Tevar

तेवर

( Tevar ) 

 

शिकायत होने लगी है उन्हें, मेरी हर बात पर

हमने भी मान लिया, बेबात की बात में रखा क्या है

गरज थी तब, मेरी हर बात थी उनके सर माथे पर,

अब तो कह देते हैं बात में ऐसा रखा क्या है

दौलत ही बन गया पत्थर पारस ,अब जमाने में

पीतल हो या सोना सिवा नाम के और रखा क्या है

बनावट के उसूलों से ही ,जब चल रही हो गाड़ी

बेवजह तब उलझ कर, मरने में रखा क्या है

चेहरा ही देखते है,भीतर झांकता ही कौन है

यूज एंड थ्रो का जमाना है, पालने में रखा है

मोहन ये बदले हुए तेवर हैं, आज के माहौल के

यहां संस्कारों को चाटने दो धूल ,सभ्यता में रखा क्या है

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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