ज़िन्दगी ढूंढ ही लेगी
ज़िन्दगी ढूंढ ही लेगी
ज़िन्दगी, ढूंढ ही लेगी ।
सुखों का द्वार ।
खुशी की वज़ह ।
सुकून की जगह ।
खोया हुआ प्यार ।
छूटा हुआ साथ ।
मुस्कानों का हार ।
बेफ़िक्र दिन रात ।
अपनों का साथ ।
हां, ज़िन्दगी ढूंढ लेगी ।
श्रीमती प्रगति दत्त
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
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