मेरा देश मेरा कर्तव्य | Mera Desh Mera Kartavya
मेरा देश मेरा कर्तव्य
( Mera Desh Mera Kartavya )
कथा है , पग – पग बलिदान की l
कथा है , पथ – पथ दृढ़ता की ll
किस मिट्टी से बने शूर – साहसी ?
ना पाना था , ना खोना था l
संकल्प केवल देना था ll
मेरा देश , मेरा कर्तव्य l
अब यहीं एक आवाज है ll
गिरना है ,उठना है ,फिर सम्भलना है l
व्यर्थ की व्याकुलता को छोड़ना है ll
संघर्ष से डट कर आगे बढ़ना है l
जीवन को पुनः ऊबान लेना है ll
मेरा देश , मेरा कर्तव्य l
अब यहीं एक आवाज है ll
संसार को बताएँगे l कि सच…. ?
ये देश चाह का नहीं , यश का है l
नारा शांति , समृद्धि का है l
क्यूंकि देश युगपुरुष का है ll
मेरा देश , मेरा कर्तव्य l
अब यहीं एक आवाज है ll
गांधी, बाबा साहब, तिलक ने सहा l
अटल, रमन और कलाम ने कहा ll
घर – सीमा उसकी रक्षा मेरी गति है l
मेरी पहचान देश की प्रगति है ll
मेरा देश , मेरा कर्तव्य l
अब यहीं एक आवाज है ll
वाहिद खान पेंडारी
( हिंदी : प्राध्यापक )
Tungal School of Basic & Applied Sciences , Jamkhandi
Karnataka
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अग्निपात जैसे संघर्ष में एक भाव , कर्म से जुड़कर आगे बढ़ना है।
जय हिंद।
Agnipath jaise sangharsh me ek bhav ,karm se judkar aage badna hai
Jai Hind
विश्व को बताने का प्रयास कि भारत “snek space”
नहीं ” knowledge space ” है l त्याग बलिदान को ” धर्म , मजहब और आपसी द्वन्द में क्लेश नहीं
होने देंगे ll
आभार
जय हिंद
Agnipath jaise sangharsh me yek bhav , karm se judkar aage badna he
Jai Hind