नंदवन के घर आनंद लाल
नंदवन के घर आनंद लाल
दयावान ही चक्रधारी है ,
मुरलीवाला ही चमत्कारी है l
राधा – कृष्ण – रुक्मणि है ,
तरल लीला , कृष्ण लीला l
सखी राधा तो सखा सुदामा l
मुरली अगर सुरों की लीला ,
तो मेघ सजे वर्षा की लीला l
उँगली बनी गोवर्धन लीला ,
कद्रू पुत्र यमुना कुंड लीला l
आलम, मीरा, सुर में भी देखा ,
तरल लीला , कृष्ण लीला l
सखी राधा तो सखा सुदामा l
कहा, देखो राधा मैं कहाँ नहीं ,
सुनु, कृष्ण मम नसीब में नहीं l
पूछा , हमारा विवाह क्यूँ ना ,
सुनु, हम राधा-कृष्ण है ना l
विचार विनिमय भी लीला ,
तरल लीला, कृष्ण लीला l
सखी राधा तो सखा सुदामा l
जन्म लिया देवकी से ,
लालन-पालन यशोदा से l
बना गोकुल का लाल ,
देखो आया कंस का काल l
कर्मण्येवाधिकारस्ते,
मा फलेपु कदाचन ,
मा कर्मफलेहेतुर्भुर्मा l
तरल लीला , कृष्ण लीला l
सखी राधा तो सखा सुदामा l
मिश्री से भी मीठे ठाकुर के बोल l
जन्माष्टमी है ,
माखन खाओ हांड़ी खोल l
गोपियों के नेत्र मूंद गए ,
सभी हंडियाँ खुल गए l
तरल लीला , कृष्ण लीला ,
सखी राधा तो सखा सुदामा l
वाहिद खान पेंडारी
( हिंदी : प्राध्यापक ) उपनाम : जय हिंद
Tungal School of Basic & Applied Sciences , Jamkhandi
Karnataka
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