पुलिस स्मृति दिवस

पुलिस स्मृति दिवस

पुलिस स्मृति दिवस

मुॅंह से आज भी बोलती है उन वीरों की तस्वीरें,
देश के लिए अपनी जान गंवाए वो ऐसे थें हीरे।
कोई शब्द नही है उन वीरों के लिए पास हमारे,
फिर भी कविता-लिखता हूॅं मैं उदय धीरे-धीरे।।

२१ अक्टूब‌र दिन था वो १९५९ की काली-रात,
तीसरी बटा की कंपनी हाॅट स्प्रिंग मे थी तैनात।
सीमा सुरक्षा जिम्मेदारी थी पुलिस बल के हाथ,
चीनी सैनिकों ने दिया धौंका लगाकर के घात।।

३ टुकड़ियों में तैनात कंपनी उत्तर-पूर्वी लद्दाख,
नियंत्रण रेखा पर गश्त के समय की है ये बात।
२ भारतीय जवान न मिलने पर कर रहे तलाश,
छुपकर फायर किए कायर चीनी सैनिक रात।।

कर्त्तव्य निभातें शहीद हुए दस जवान उस रात,
गंभीर घायल को बंदी-बनाकर ले गए वे साथ।
लौटा दिए डेडबाॅडी मानकर हिंदुस्तान की बात,
अंतिम संस्कार हुआ पुलिस सम्मान के साथ।‌।

तब से हम मनाते इसरोज़ पुलिस स्मृति दिवस,
दिवंगत आत्माओं को देते श्रद्धांजलि प्रति वर्ष।
दो मिनट का मौन रख कर करते है शोक शस्त्र,
भारत सरकार निर्णय लिया १९६० है वो वर्ष।।

रचनाकार : गणपत लाल उदय

अजमेर ( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *