कोई कुछ भी करले
कोई कुछ भी करले
कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई
हर मोड़ पर जो खड़ा रहे अइसन साथ ना होई ।
बिना सोचे समझे जो सर्वस्व करे निछावर
अइसन केहू में जज्बात ना होई।
कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई …
अपना से बड़ होखत देख जो दिल से निरेखे
हर पल शुभे शुभे चाहे अईसन बहार ना होई।
ऊपर कठोर अंदर मुलायम मिट्टी से जो बनावे बर्तन
बिन फुलवले ठोके वाला कोई कुंभार ना होई ।
कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई …
सब जाने उ सब पहचाने हर समय समझावे
अईसन परामर्शदाता कोई विद्वान ना होई।
बिना शुल्क के मुल्क घुमावे काली नजर से बचावे
अईसन ना कोई अंगरक्षक ना ही पहलवान होई।
कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई …
माईं गर्भ में बसावें निश्चित समय से निजात पावे
बाप धरें मन मस्तिष्क में जिवन पर्यंत भार उठावें।
सर्व संरक्षण करें प्रदान पुर जोर लगावें
पृतर छाया के बिना कोई फुलहार ना होई।
कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई …
नरेन्द्र कुमार
बचरी (तापा) अखगाॅंव, संदेश, भोजपुर (आरा), बिहार- 802161
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