नीरज चोपड़ा | Niraj Chopra Par Kavita
नीरज चोपड़ा
( Niraj Chopra Par Kavita )
सुहाषिनी सुदर्शनी सी लगी,
लो शुभ बिहान आ गया।
सौभाग्य से स्वर्णीम पदक ले,
भारत का लाल आ गया।
गर्वित हुआ आनन्द मन उल्लास,
वृहद छा गया,
भगवा भवानी भारती के,
सौन्दर्य निखर के आ गया।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
परिचय:-
नाम. शेर सिंह सर्राफ हुंकार
पिता – स्व0 महेशेन्द्र शंकर सिंह
माता – दमयन्ती देवी
पत्नी – प्रिया सोनी
जन्मतिथि – 05/07/1976
शिक्षा – एम.ए. राजनीति शास्त्र, शिक्षा विशारद, बी0एड0
प्रकाशन पत्र पत्रिका व समाचार पत्रों में ।
सांझा संकलन।
बज्म ए हिन्द, भावाजंली तृतीय, नारी नारायणी, शहादत एक इबादत
कुछ रचनाएँ ई पत्रिकाओं में प्रकाशित।
पता – बर्तन घर एवं ज्वेलर्स
नयी बाजार, देवरिया (उ0प्र0)
पिन – 274001