बिटिया खुश रहना ससुराल | Beti ke vidai par kavita
बिटिया, खुश रहना ससुराल
( Bitiya, khush rahna sasural )
बिटिया खुश रहना ससुराल
रहना सदा सुखी खुशहाल
खुशियों से झोली भर जाए
सुख आनंद सदा तू पाये
महके जीवन दमके भाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
प्रेम की जोत जलाते रहना
भाव मधुर फैलाते रहना
नेह की खुशबू महक उठेगी
सपने नये सजाते रहना
पूजन करना ले अक्षत थाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
ले आशीष झोली भरना
सास ससुर की सेवा करना
सबका करना आदर सम्मान
ऊंच-नीच का रखकर ध्यान
हर्षित हो हर पल साल
बिटिया खुश रहना ससुराल
खुशियों की चले बयार
सदा मिले अपनों का प्यार
मात-पिता की लेकर दुआएं
तेरा जीवन सुखमय हो जाए
चलना पल-पल कदम संभाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
रोशन हो जाए संसार
बरसे खुशियों की बौछार
संघर्षों से मत घबराना
आशाओं के दीप जलाना
बनो आदर्श दिखाओ कमाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
कदम कदम पर है बाधाएं
आकर सब निर्मल हो जाए
संकट तुमको छू नहीं पाए
मिले तुझे सब दुआएं
तुम शमशीर हो तुम हो ढाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
जीवन में उजियारा पावो
धीरज धर हिम्मत दिखलाओ
अपनी मेहनत से कर जाओ
घर को सुंदर स्वर्ग बनाओ
संस्कार जो रखे संभाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
हर बाधा मुश्किल से लड़ना
तूफानों को काबू करना
बहारों का मौसम आए तो
संयम रखना धीरज धरना
रखना अपना थोड़ा खयाल
बिटिया खुश रहना ससुराल
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )