सूरज है आदर्श हमारा | Suraj par kavita
सूरज है आदर्श हमारा
( Suraj hai adarsh hamara : Poem on sun in Hindi )
सूरज है आदर्श हमारा,
हर घर में उजाला भर देता।
रोशन करता है कण-कण को,
तम की छाया हर लेता।।
सूरज की उजली भोर उजाला,
भू पर जब फैलाती है।
पंछी करते शोर चमन की,
कली कली खिल जाती है।
धरती का श्रृंगार देख,
रवि मन हर्षित कर लेता।
रोशन करता हर कण-कण को,
तमकी छाया हर लेता ।।
बाग बगीचे उपवन सारे,
लता हिलोरे खाने लगी।
रंग बिरंगे सुमन खिले हैं,
कोयल मधुरा गाने लगी ।
मलया सुगंध बिखराने लगी,
भ्रमर भी कुछ कह देता।
रोशन करता हर कण-कण को,
तमकी छाया हर लेता।।
सूरज की आभा कह जाती है,
भूमंडल प्रकाशित हो।
प्रेम भरा हो हर दिल में और,
हर मानव अनुशासित हो।
दीन दुखी को गले लगाएं,
अंक में हर गम भर लेता।
रोशन करता हर कण-कण को,
तम की छाया हर लेता।।
लक्ष्य हमारा एक रहे और,
मंजिल तक बढ़ते जाएं।
पर सेवा के कर्म करे नित,
तम के बादल घटते जाएं ।
बद कर्मों से हटते जाएं,
जांगिड़ भी अच्छा कह देता।
रोशन करता हर कण-कण को,
तम की छाया हर लेता ।।
कवि : सुरेश कुमार जांगिड़
नवलगढ़, जिला झुंझुनू
( राजस्थान )