![Aaj wo inquilab Aaj wo inquilab](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2022/03/Aaj-wo-inquilab-696x464.jpg)
आज वो इंकलाब लिख दूँगा!
( Aaj wo inquilab likh dunga )
आज वो इंकलाब लिख दूँगा!
हर अदू का हिसाब लिख दूँगा
हो महक हर पन्ने उसी की ही
ख़ून से वो क़िताब लिख दूँगा
साथ जो पल उसके बिताए है
हर किस्सा लाज़वाब लिख दूँगा
शक्ल से जो कभी नहीं उतरे
वो हया का हिजाब लिख दूँगा
आरजू दिल की जो बनी मेरे
आज उसको गुलाब लिख दूँगा
जो मिला ही नहीं हक़ीक़त मैं
नींद का अपनी ख़्वाब लिख दूँगा
जिसको होना ख़िलाफ़ हो आज़म
यार अपना ज़नाब लिख दूँगा