आजमाया करें | Kavita
आजमाया करें
( Aajmaya Karen )
बेवजह बात को ना बढाया करे,
मुझसे जब भी मिले मुस्कुराया करे।
सारी दुनिया के रंजो व गम भूल कर,
दो घडी आँख मुझसे मिलाया करे।
आरजू जो दबी सी सनम दिल में है,
आप मुझसे कभी ना छुपाया करे।
आइने सा ये चेहरा मेरा है सनम,
देख कर राज दिल का बताया करे।
गम गलत है सदा जो जलन दिल में दे,
नींद रातों की ले करके बेचैनी दे।
एक नुस्का है ये आजमाया करे,
याद करके मुझे मुस्कुराया करे।
उम्र लम्बी कहाँ अब बहुत कम रही,
उसपे दुनिया का ग़म जीना दूभर हुआ।
अपने अधरों पे मुस्कान लाया करे,
दांत से होठ को भी चबाया .करे।
बचपना है अगर तो करे शौक सें,
हाथ में हाथ लेकर दबाया करे।
शर्म को त्याग करके जरा चीख कर,
हाल ए दिल की खनक को सुनाया करे।
मन्नतों का शहर ये नही रह गया,
हसरतें छिन करके मनाया करे।
भांड में जाए दुनिया की रस्में सभी,
दिल जो चाहें वो करके दिखाया करे।
जिन्दा रहना है जिन्दादिली से अगर,
दूध दारू के संग आजमाँया करे।
कौन कहता है क्या शेर सा छोड कर,
होली में भी दिवाली मनाया करे।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )