Man ke geet
Man ke geet

खुशी से झूमता है मन

( Khushi se jhoom ta hai man ) 

 

हर्ष का उमड़ पड़ा सावन वादियां महक उठी भावन।
प्रीत भरी बूंदे भिगो रही तन खुशी से झूमता है मन।
खुशी से झूमता है मन

 

इठलाती बलखाती लहरें बहती भावों की धारा।
दिल की धड़कन गीत गाए मनमीत मिला प्यारा‌
सांसों की सरगम छेड़े कोई संगीत सुहाना पावन।
मीठे मीठे शब्द सुरीले गीत तराना कोई मनभावन।
खुशी से झूमता है मन

 

उमंगो ने ली अंगड़ाई नयनों में चमक भर आई‌।
महकी मन की फुलवारी बहारें ले आई पुरवाई।
ह्रदय कोना कोना हर्षित खिल उठा सारा चमन।
मन मयूरा लगा नाचने मौसम आज हुआ मगन।
खुशी से झूमता है मन

 

साजो ने स्वर संगीत सजाया फूलों ने उपवन महकाया।
मधुर गीत लबों पे आया सरगम महकी समां हर्षाया।
बजी वीणा की झंकार मधुर संगीत मधुरम बन आया।
मनमोहक मुस्काने छाई प्रित भरा ज्यों आया सावन।
खुशी से झूमता है मन

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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